आधी नदी-आधा पहाड़ | कवि, कविता और वो | यात्रा सीरीज - 4
Download and listen anywhere
Download your favorite episodes and enjoy them, wherever you are! Sign up or log in now to access offline listening.
आधी नदी-आधा पहाड़ | कवि, कविता और वो | यात्रा सीरीज - 4
This is an automatically generated transcript. Please note that complete accuracy is not guaranteed.
Description
तुम्हारा प्रेम सरकारी वादे सा था, तुमने नदी को सड़क बनाने का दिलासा दिया था। वो न तो पूरी सड़क बन पाई न पूरी नदी - प्रेम में परिवर्तन उसका...
show moreतुमने नदी को सड़क बनाने का
दिलासा दिया था।
वो न तो पूरी सड़क बन पाई
न पूरी नदी -
प्रेम में परिवर्तन
उसका गला घोंटने जैसा है;
उसपर चलते हुए
राहगीरों ने देखा-
कि वो आधी नदी बची है-
आधी सड़क।।
~ मयंक
कहने को शब्द कम है सो बस कविताओं में कुछ बातें यूं ही। प्रेम अर्थ समझ लेगा, और न भी हो तो बस सुन लेगा। सुनना जरूरी है आवाज को, दलील को, पुकार को - हर किसी को सुनना चाहिए। प्रेम पर गीत लिखते लोगों को सुनो, देखो दुख कितना खूबसूरत नजर आता है फिर।
_______________________________________________________________________________
क्या आप अपनी कविता या कथा हमारे पॉडकास्ट में प्रमुख रूप से प्रस्तुत करना चाहते है?
निश्चिंत रहें, इस सेवा के लिए कोई शुल्क नहीं है।
अपने अनुरोध इस ईमेल पर जमा करें: contactgeniuswords@gmail.com
या फिर इंस्टाग्राम पर: क्लिक करें
-------------------------------------------------------------------------
Content Credits:
Voice: Mayank Gangwar
Written By: Kitabganj
-------------------------------------------------------------------------
Reach out to Mayank Gangwar: click here
To know more about Mayank Gangwar: click here
Reach out to Kitabganj on Facebook: click here
Reach out to Kitabganj on Instagram: click here
Information
Author | Mayank Gangwar |
Organization | Mayank Gangwar |
Website | - |
Tags |
Copyright 2024 - Spreaker Inc. an iHeartMedia Company