लोकगीतों के बदलते स्वर - Transition of Traditional Songs (Duniya Mere Aage, 12 May 2023)
May 15, 2023 ·
5m 7s
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Description
खेती-किसानी वाले परिवार में जिसका बचपन बीता हो, उसके लिए एक गीत अनुभवों का पुनर्पाठ जैसा हो सकता है। शहरीकरण और मशीनीकरण की प्रक्रिया से गांव कैसे बदले हैं, इसका अंदाज तब लगता है जब हम हल-बैल-पगहा, जुआठ-जाबा, पैना-हेंगा, खरिहान, दवंरी-कटिया, रोपनी-बोअनी, जांता-ओखरी, ढेंकुल-इनार जैसे शब्दों से रूबरू होते हैं।
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