सभी देवों और पितरों को संतुष्ट करने का एक सरल-रामबाण उपाय। सेहत की बात। Health and Prosperity
May 1, 2022 ·
8m 19s
Sign up for free
Listen to this episode and many more. Enjoy the best podcasts on Spreaker!
Download and listen anywhere
Download your favorite episodes and enjoy them, wherever you are! Sign up or log in now to access offline listening.
Description
अन्न को संस्कारित करने की विधि बलिवैश्व यज्ञ कहलाती है। इसकी महत्ता बहुत बड़ी और विधि-विधान बहुत सरल है। बलिवैश्वदेव यज्ञ को तत्वदर्शियों ने पंचमहायज्ञ की संज्ञा दी है।
इस यज्ञ से पाकशाला की वायु शुद्ध होती है। भूत समस्त जीवों शरीरधारी और अशरीरी की तुष्टि होती है। सभी देव और पितरों भी संतुष्ट रहते हैं। आहुति द्वारा भोजन के संस्कारित होने पर भोजन प्रसाद बन जाता है। इस अन्न को खाने वाले की बुद्धि निर्मल तथा तन और मन स्वस्थ बनते हैं।
इस यज्ञ से पाकशाला की वायु शुद्ध होती है। भूत समस्त जीवों शरीरधारी और अशरीरी की तुष्टि होती है। सभी देव और पितरों भी संतुष्ट रहते हैं। आहुति द्वारा भोजन के संस्कारित होने पर भोजन प्रसाद बन जाता है। इस अन्न को खाने वाले की बुद्धि निर्मल तथा तन और मन स्वस्थ बनते हैं।
Information
Author | AYUSHWANI |
Organization | Jai Parkash |
Website | - |
Tags |
Copyright 2024 - Spreaker Inc. an iHeartMedia Company